गाजियाबाद मेयर पद के लिए मतगणना जारी है। शुरुआत से ही इस पद के लिए भाजपा की मेयर प्रत्याशी सुनीता दयाल बढ़त बनाए हुए हैं। वह इस वक्त 70 हजार से ज्यादा वोटों से अपने प्रतिद्वंद्वियों से आगे चल रही हैं।हालांकि मेयर पद का चुनाव लड़ पाना सुनीता दयाल के लिए बहुत आसान नहीं रहा था। पार्टी की ओर से 34 उम्मीदवार चुनाव लड़ने के लिए तैयार थे जिनमें पूर्व मेयर आशा शर्मा भी शामिल थीं। ऐसे में सुनीता दयाल के उम्मीदवार घोषित किए जाने और उससे पहले का उनका राजनीतिक सफर बेहद दिलचस्प रहा है।

भाजपा ने इस बार मेयर चुनाव के उम्मीदवार का चुनाव करने में बड़ी देरी दिखाई। नामांकन खत्म होने से एक दिन पहले ही पार्टी ने सुनीता दयाल का नाम फाइनल किया। सुनीता दयाल का नाम दिल्ली में केंद्रीय नेतृत्व की मुहर के बाद तय हुआ।मेयर पद के लिए भाजपा में कुल 34 उम्मीदवार दावेदार थे और निवर्तमान मेयर आशा शर्मा भी इसमें शामिल थीं। हालांकि पार्टी ने अंतिम दो नाम सुनीता दयाल और यशोदा अस्पताल के एमडी दिनेश अरोड़ा की पत्नी शशि अरोड़ा का शॉर्टलिस्ट किया लेकिन सबकी सहमति से सुनीता दयाल का नाम चुना गया।

सुनीता दयाल एक लंबी राजनीतिक पारी खेल चुकी हैं। उनके राजनीतिक करियर की शुरुआत एबीवीपी से हुई और वह वर्तमान में भाजपा की प्रदेश (यूपी) उपाध्यक्ष हैं। ऐसा नहीं है कि सुनीता दयाल यह पहला चुनाव लड़ रही हैं। इससे पहले वह 2004 में भाजपा के टिकट पर विधानसभा उपचुनाव लड़ चुकी हैं।