शिवपुरी ।  बलारी माता मंदिर पर होने जा रहे शतचंडी यज्ञ से पहले शुक्रवार को एक बार फिर नेशनल पार्क प्रबंधन और मंदिर प्रबंधन सहित भक्तों में झगड़ा हो गया। इस बार तो झगड़ा इतना बढ़ गया कि पार्क प्रबंधन ने मंदिर के महंत को बात करने के बहाने चौकी के अंदर बुलाकर उनकी लाठियों से मारपीट कर दी। बाबा की पिटाई होते देख गांव के भक्त भड़क गए और उन्होंने भी जवाब में पथराव कर दिया। पूरे झगड़े में मंदिर के महंत सहित एक अन्य बाबा और एक वन विभाग का कर्मचारी घायल हो गया है। खास बात यह है कि झगड़े से पहले बाबा ने विवाद की आशंका को लेकर नपाध्यक्ष को बताया था और इसके बाद नपाध्यक्ष ने कलेक्टर को मामले की जानकारी दी। इसके बावजूद झगड़ा मारपीट और पथराव तक पहुंच गया।जानकारी के अनुसार बलारी माता मंदिर पर 24 मई से शतचंडी यज्ञ का आयोजन होने जा रहा है। इसी क्रम में वहां यज्ञ के लिए 108 वेदियां बनाई जानी हैं, इसी के चलते शुक्रवार की सुबह मंदिर प्रबंधन ने वहां ईंटों का ट्रक मंगवाया। पार्क प्रबंधन ने इस ट्रक को अंदर जाने से रोक दिया, इस पर मंदिर के महंत ने उन्हें बताया कि इन ईंटों से कोई निर्माण कार्य नहीं कराया जा रहा बल्कि हवन वेदी बननी है। इसके बावजूद पार्क प्रबंधन ने ईंटों के ट्रक को अंदर नहीं जाने दिया।


अंतत: मंदिर के महंत प्रयाग भारती ने नपाध्यक्ष गायत्री शर्मा को फोन लगाया कि वह हवन वेदी बनवाने के लिए ईंटों का ट्रक अंदर ले जाना चाहते हैं, लेकिन पार्क प्रबंधन ट्रक अंदर नहीं जाने दे रहा। नपाअध्यक्ष गायत्री शर्मा के अनुसार इसकी जानकारी उन्होंने कलेक्टर रविन्द्र कुमार चौधरी को दी तो उन्होंने कहा कि वह पार्क प्रबंधन से इस संबंध में बात कर लेते हैं। इसके बाद भी विवाद जस की तस जारी रहा और कुछ देर बाद वहां सुरवाया पुलिस पहुंच गई। महंत प्रयाग भारती के अनुसार इसके बाद वन विभाग के कर्मचारियों ने उन्हें बात करने के बहाने अंदर बुलाया, उनके अनुसार चूंकि पुलिस आ चुकी थी इसलिए वह भी अपने एक चेले रमन भारती के साथ अंदर चले गए।

जहां वन विभाग के कर्मचारियों ने महंत और बाबा को चौकी के अंदर बंद करके उनकी लाठियों से मारपीट कर दी। चौकी के अंदर से महंत की चीखने-चिल्लाने की आवाजें सुनकर बाहर मौजूद भक्त भी भड़क गए और उन्होंने पथराव कर दिया। इस हमले में वन विभाग के स्थाईकर्मी विद्यासागर तिवारी को चोट आई है। घायलों को उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस पूरे मामले में प्रशासनिक पक्ष जानने के लिए कलेक्टर रविन्द्र कुमार चौधरी के फोन लगाया तो उन्होंने फोन अटेंड नहीं किया। सीसीएफ उत्तम शर्मा का फोन आउट आफ रेंज बता रहा था। एसीएफ अनिल सोनी और रेंजर दीपमाला शिवहरे ने भी फोन अटेंड नहीं किया। सुरवाया थाना प्रभारी रामेंद्र चौहान का फोन भी स्विच आफ बता रहा था।

मंत्री के दखल के बावजूद बढ़ रहा विवाद

उल्लेखनीय है कि सैकड़ों सालों से नेशनल पार्क जंगल में स्थित बलारी माता मंदिर भक्तों की आस्था और विश्वास का केंद्र रहा है। इसी क्रम में माधव नेशनल पार्क में टाइगर रिजर्व बन जाने के बाद करई पर नेशनल पार्क प्रबंधन ने चौकी बनाकर मंदिर पर भक्तों के प्रवेश पर रोक लगा दी। ऐसे में नेशनल पार्क प्रबंधन और मंदिर प्रबंधन के बीच तनाव बढ़ता चला गया। कई बार विवाद की स्थिति निर्मित हुई।

अंतत: क्षेत्रीय विधायक और मंत्री यशोधरा राजे ने कलेक्ट्रेट में दोनों पक्षों को बिठा कर आपस में सहमति बनाने के निर्देश देते हुए, मंदिर पर धार्मिक गतिविधियों पर रोक लगाने के आदेश को गलत बताया था। उन्होंने पार्क प्रबंधन और मंदिर प्रबंधन को निर्देश दिए थे कि आपसी सहमति से ऐसे काम किए जाएं कि न तो जंगल के कानून टूटें और न ही लोगों की धार्मिक भावना आहत हो। इसके बावजूद दिन प्रति दिन विवाद बढ़ता जा रहा है। अगर यही हालात रहे तो किसी दिन बड़ा हादसा घटित हो सकता है।

कलश यात्रा के दिन बड़े विवाद की आशंका

नेशनल पार्क प्रबंधन से जुड़े विश्वसनीय सूत्रों की मानें तो पार्क प्रबंधन ने तय कर लिया है कि पार्क के अंदर शतचंडी यज्ञ नहीं होने दिया जाएगा। वहीं मंदिर प्रबंधन और माता के भक्तों ने यज्ञ की पूरी तैयारी कर ली है। 24 मई को विशाल कलश यात्रा निकालने की पूरी योजना तैयार है, वहीं पार्क प्रबंधन ऐसा होने नहीं देना चाहता। इन हालातों में यह तय है कि कलश यात्रा के दौरान अथवा शतचंडी यज्ञ के दौरान कोई भी बड़ा विवाद हो सकता है। समय रहते इस समस्या का समाधान निकलना अनिवार्य हो गया है।

इनका कहना है

मुझे बाबा ने हवन बेदी बनवाने के लिए आए ईंटों के ट्रक को अंदर भिजवाने की अनुमति दिलवाने के लिए फोन किया था। मैंने इस संबंध में कलेक्टर को फोन पर सूचना दी थी। उन्होंने भी मुझे आश्वस्त किया कि वह पार्क प्रबंधन से बात कर रहे हैं। कुछ देर बाद झगड़े की जानकारी मिली तो मैं खुद वहां पहुंची और घायलों को उपचार के लिए जिला अस्पताल लेकर आई।

गायत्री शर्मा, नपाध्यक्ष शिवपुरी

हम सिर्फ हवन बेदी बनाने के लिए ईंटें अंदर ले जा रहे थे, किसी भी तरह का निर्माण कार्य नहीं कर रहे थे। हमने इस संबंध में पार्क प्रबंधन के लोगों को मौके पर चलकर निरीक्षण करने तक को कहा, लेकन इसके बाद उन्होंने बात करने के बहाने मुझे और मेरे चेले को अंदर बुलाकर पीटना शुरू कर दिया।

प्रयाग भारती, मंदिर महंत

हमने ईंटों के ट्रक को अंदर जाने से रोका इसी बात पर विवाद हुआ। विवाद के दौरान जब मैं गेट पर खड़ा था तो किसी ने कुल्हाड़ी मार दी, जिससे मुझे हाथ में चोट आई है। पथराव में कई बाइक टूट गईं।

विद्यासागर तिवारी, घायल, वनकर्मी