सारंगढ़ बिलाईगढ़ :  मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए की गई आधारभूत और महत्वपूर्ण कार्यक्रम ‘नरवा गरवा घुरूवा बारी’  राज्य के गांव-गांव में चल रहे हैं। पशुपालकों से गोबर खरीदना और स्वसहायता समूह को खाद बनाने के लिए देना, समूह द्वारा समिति को बेचना, समिति से किसानों को बिक्री ये एक उत्पादन से विक्रय का एक कारीडोर बनाया गया है। पशुपालकों और स्वसहायता समूह के खातों में राशि का भुगतान ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार हो रहा है, वहीं खेतों में जैविक खाद का उपयोग कर, वर्षों से रासायनिक खाद से हुई उपजाऊ क्षति को दूर किया जा रहा है।
    ‘नरवा गरवा घुरूवा बारी’ कार्यक्रम अंतर्गत जिले के सारंगढ़ विकासखंड के ग्राम रापांगुला गोठान में सूर्या स्वसहायता समूह में 11 सदस्य वर्मी कम्पोस्ट उत्पादन का कार्य कर रही हैं। समूह की अध्यक्ष कमला सिदार ने बताया कि 26 मई को 95 क्विंटल 40 किलो जैविक खाद का बिक्री समूह द्वारा किया गया है। एक सप्ताह पूर्व 135 बोरी जैविक खाद की बिक्री भी सेवा सहकारी समिति कटेली में की गई है। आगामी दिनों में भी वर्मी कम्पोस्ट का जैविक खाद गौठान में है, जिसकी बिक्री करेंगे। गौठान के जैविक खाद से हुई आमदनी हमारे समूह की महिला सदस्यों के लिए आय का अतिरिक्त जरिया है।