नई दिल्ली। खूबसूरत दिखने के लिए लोग कई सारे उपाय करते हैं। खासकर महिलाएं अक्सर अपने लुक को निखारने के लिए कई तरीके अपनाती हैं। ब्यूटी पार्लर इन्हीं तरीकों में से एक है, जिसकी मदद से महिलाएं अक्सर अपनी खूबसूरती में चार चांद लगाती हैं। इन दिनों बालों को स्ट्रेट करवाने का चलन काफी बढ़ गया है। कई महिलाएं अपने बालों की खूबसूरती निखारने के लिए स्ट्रेटनिंग करवाती हैं। हालांकि, हाल ही में एक महिला पर उनका यह शौक भारी पड़ गया है। दरअसल, सैलून में बाल स्ट्रेट कराने के बाद महिला की किडनी खराब हो गई।

26 वर्षीय महिला, जिन्हें पहले से कोई स्वास्थ्य समस्या नहीं थी, जून 2020, अप्रैल 2021 और जुलाई 2022 में हेयर स्ट्रेटनिंग के लिए सैलून गई। इस दौरान वह जब भी सैलून गईं, तो उन्हें उल्टी, दस्त, बुखार और पीठ दर्द का अनुभव हुआ। इतना ही नहीं स्ट्रेटनिंग के दौरान उन्हें स्कैल्प पर जलन महसूस होने और कुछ ही समय बाद सिर पर अल्सर होने की भी शिकायत की हुई।

महिला में नजर आए ये लक्षण

द न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में इस मामले को प्रकाशित करने वाले डॉक्टर्स ने महिला के खून में क्रिएटिनिन का हाई लेवल पाया, जो एक संकेत था कि उनकी किडनी ठीक से काम नहीं कर रही थी। महिला की यूरिन में ब्लड था, लेकिन संक्रमण का कोई लक्षण नहीं दिखा। एक कंप्यूटेड टोमोग्राफी (सीटी) स्कैन से पता चला कि किडनी, ब्लैडर, यूरेटर्स और यूरिथ्रा समेत यूरिनरी सिस्टम में कोई ब्लॉकेज नहीं था।

त्वचा से किडनी तक पहुंचा एसिड

दरअसल, हेयर स्ट्रेटनिंग के लिए इस्तेमाल होने वाले क्रीम में रासायनिक ग्लाइऑक्सिलिक एसिड होता है, जिससे संभवतः महिला का स्कैल्प जल गया और उन्हें अल्सर हो गया। ऐसे में इस मामले के सामने आने के बाद डॉक्टर ने ग्लाइऑक्सिलिक एसिड और किडनी डैमेज के बीच संबंध को बेहतर ढंग से समझने के लिए चूहों के साथ एक लैब टेस्ट किया। इस टेस्ट के आधार डॉक्टर्स ने निष्कर्ष निकाला कि एसिड महिला की त्वचा के जरिए अब्जॉर्ब हो गया और उनकी किडनी तक पहुंच गया, जिससे डैमेज हो गई।

चूहों पर किया गया लैब टेस्ट

इस लैब टेस्ट के दौरान महिला द्वारा इस्तेमाल किए गए स्ट्रेटनिंग प्रोडक्ट को पांच चूहों की पीठ पर लगाया, जिसमें 10% ग्लाइऑक्सिलिक एसिड था। इसके बाद उन्होंने अन्य पांच चूहों पर पेट्रोलियम जेली का इस्तेमाल कर फिर उसी प्रोडक्ट को लगाया। जिन चूहों को सीधा स्ट्रेटनिंग क्रीम लगाया था, उनके खून में 28 घंटों में अन्य चूहों की तुलना में क्रिएटिनिन नामक पदार्थ का लेवल ज्यादा था। इतनी ही नहीं जिन चूहों को पेट्रोलियम जेली लगाई गई थी, उनकी तुलना में दूसरे चूहों की किडनी में बहुत सारा कैल्शियम ऑक्सालेट मोनोहाइड्रेट भी था।

डॉक्टर्स ने दी चेतावनी

हालांकि, हर बार सैलून जाने के बाद महिला की किडनी बहुत जल्दी ठीक हो गई, जिसका मतलब है कि इसका प्रभाव उन पर लंबे समय तक नहीं रहा। फिर भी, महिला का इलाज करने वाले डॉक्टर्स का मानना ​​है कि इस मामले के बाद हेयर स्ट्रेटनिंग प्रोडक्ट्स में ग्लाइऑक्सिलिक एसिड के उपयोग के संभावित खतरों को चेतावनी के रूप में लिया जाना चाहिए। डॉक्टर्स का कहना है कि इन प्रोडक्ट्स से बचना चाहिए या फिर बाजार में मिलना बंद कर देना चाहिए।