मुंबई । पिछले सप्ताह केंद्र सरकार ने प्याज के निर्यात पर लगी रोक हटा दी थी। इसके बाद प्याज के थोक भाव में तेजी दर्ज की गई है। जानकारों का कहना है कि प्याज के निर्यात की अनुमति कुछ शर्तों के साथ दी गई है। ऐसे में तात्कालिक रूप से भले ही प्याज के भाव बढ़े हैं लेकिन आगे बहुत अधिक कीमत बढ़ने की संभावना नजर नहीं आ रही है। इसका कारण यह है कि निर्यात एक तय भाव से कम पर नहीं किया जा सकेगा। केंद्र सरकार ने पिछले सप्ताह 3 मई को प्याज के निर्यात से प्रतिबंध हटाने की घोषणा की थी। इस दिन महाराष्ट्र की प्याज मंडी लासलगांव (विंचुर) में प्याज के थोक भाव 900 से 1,875 रुपए थे, जो बढ़कर 1,000 से 2,400 रुपए क्विंटल हो गए। इसी तरह मुंबई की वाशी मंडी में इस दौरान प्याज के थोक भाव 875-2,000 रुपए की तुलना में बढ़कर 1,250-2,750 रुपए क्विंटल हो गए। दिल्ली की आजादपुर मंडी में इस अवधि में प्याज के थोक भाव 875-2,000 रुपए से बढ़कर 2,750 रुपए क्विंटल दर्ज किए गए। महाराष्ट्र के एक प्याज कारोबारी ने बताया कि निर्यात पर रोक हटने के फैसले के बाद प्याज के भाव बढ़े हैं लेकिन प्याज की कीमतों में आई यह तेजी आगे लंबे समय तक जारी रहने की संभावना नहीं है क्योंकि निर्यात के लिए 550 डॉलर प्रति टन की सीमा लगा दी गई है यानी इससे कम भाव पर निर्यात नहीं किया जा सकेगा। इस भाव पर यूरोप व खाड़ी देशों को निर्यात संभव है लेकिन बांग्लादेश व कोलंबो जैसे देशों को निर्यात संभव नहीं है क्योंकि इन देशों को भारतीय प्याज के ज्यादा दाम चुकाने पड़ेंगे।